Tuesday, 31 January 2017

बसंत पंचमी

बसंत पंचमी को सभी शुभ कार्यों के लिए बहुत हीशुभ मुहूर्त माना गया है।इस दिन सरस्वती व्रत का विधान हैं ।इस  दिन सरस्वती पूजन और व्रत करने से वाणी मधुर होती है औरस्मरण शक्ति बहुततीव्र होती है, प्राणियों को सौभाग्य प्राप्त होता है विद्या में कुशलता प्राप्त होती है।
पूजा मुहूर्त
सुबह- 07:09:40 से 12:34:55 तक, 5 घंटे 25 मिनट
   ॐ अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थां गतोअपी वा.  

य: स्मरेत पुण्डरीकाक्षं स बाहान्तर: शुचि:

Sunday, 29 January 2017

अब्दुस सलाम जिनका आज जन्मदिन है

अब्दुस सलाम जिनका आज जन्मदिन है, विख्यात पाकिस्तानी सैद्धांतिक भौतिक वैज्ञानिक थे।

जन्म: 29 जनवरी 1926, झंग, पाकिस्तान
मृत्यु: 21 नवंबर 1996, ऑक्सफ़ोर्ड, यूनाइटेड किंगडम
पुरस्कार: भौतिकी में नोबेल पुरस्कार
शिक्षा: कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय

अब्दुस सलाम ने 'दिव्य कण' कहे जाने वाले हिग्स बोसोन की खोज के लिए सैद्धांतिक ढांचा विकसित करने में योगदान दिया।
अविभाजित भारत के पाकिस्तानी हिस्से में 1926 में जन्मे अब्दुस सलाम बचपन से ही प्रतिभाशाली थे। उन्होंने अपने जीवन काल में एक दर्जन से ज्यादा पुरस्कार और सम्मान जीते। 1979 में कणीय भौतिकी के सामान्य मॉडल पर उनके काम के लिए उन्हें स्टीवन वाइनबर्ग के साथ नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इसमें इस बात की सैद्धांतिक व्याख्या की गई थी कि किस तरह आधारभूत ताकतें ब्रह्मांड की कुल गत्यात्मकता का संचालन करती हैं।


सलाम और वाइनबर्ग ने एक दूसरे से स्वतंत्र रूप से सब एटॉमिक कण के अस्तित्व की भविष्यवाणी की, जिसे अब ब्रिटिश वैज्ञानिक पीटर हिग्स और भारतीय वैज्ञानिक सत्येंद्र नाथ बोस के नाम पर हिग्स बोसोन का नाम दिया गया है। इसे ईश्वर कण के नाम से भी पुकारा जा रहा है क्योंकि इसका अस्तित्व ब्रह्मांड के आरंभिक विकास को समझने के लिए अत्यंत जरूरी है।

Saturday, 28 January 2017

सचिन से जानिए! वो कहानी जब एक नेवले ने ईडन गार्डन पर भारत को दिलाई थी जीत

कोलकाता : महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने आज याद किया कि कैसे 1993 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हीरो कप सेमीफाइनल के आखिरी ओवर में मिली जीत में एक नेवला भारत के लिए भाग्यशाली साबित हुआ था। तेंदुलकर आखिरी ओवर फेंक रहे थे और दक्षिण अफ्रीका को जीत के लिये छह रन की जरूरत थी। तब भारत ने ईडन गार्डन पर यादगार जीत दर्ज की थी। 

आईडीबीआई फेडरल लाइफ इंश्योरेंस कोलकाता फुल मैराथन के ब्रांड दूत तेंदुलकर ने दौड़ से एक दिन पहले कहा, ‘मुझे नहीं पता कि आपमें से कितनों ने इस पर गौर किया होगा क्योंकि यह पहला दिन रात का मैच था। मैच के दूसरे हाफ में बार-बार एक नेवला आ रहा था। जब भी वह मैदान पर आता, हमें विकेट मिलता था। उसके बाद रन बनने लगते और फिर वह नेवला आता तो हमें विकेट मिलता। मैं उस नेवले के आने का इंतजार कर रहा था जब मुझे आखिरी ओवर डालना था।’ 

चन्द्र बरदाई एक अद्वितीय मित्र


पृथ्वीराज चौहान के मित्र और उनके दरबार के राज कवि चन्द्र बरदाई जीवन भर उनके साथ रहे। सच्चे अर्थ मैं वे एक महान मित्र थे। चन्द्र बरदाई का जन्म आज के पाकिस्तान के लाहौर मै एक ब्राह्मण परिवार में हुआ था। उनकी एक मात्रा रचना पृथवीराज रासो है जो कि हिंदी का सबसे बड़ा काव्य है। जिसमें १०,००० हज़ार से अधिक छंद हैं।

जब पृथ्वीराज चौहान युद्ध में मुहम्मद गौरी से परास्त हुए और गौरी उन्हें गजनी ले गया। तव वे स्वयं को वश में  नहीं रख सके और गजनी चले गये। कैद में पृथ्वीराज चौहान को जब अंधा कर दिया गया तब उनकी यह अवस्था देख कर उन्होंने गजनी के वध की योजना बनाई। और उन्होंने गजनी का हृदय जीता एवं उसको बताया कि पृथ्वीराज शब्दभेदी बाण चला सकते हैं। इससे उत्साहित हो कर गौरी ने पृथ्वीराज की यह कला देखने की इच्छा प्रगट की और पृथ्वीराज ने इसे सहर्ष स्वीकारा। प्रदर्शन के दिन चंद्र बरदायी गौरी के साथ ही थे। अन्धे पृथ्वीराज को लाया गया और उनसे अपनी कला का प्रदर्शन करने को कहा गया। पृथ्वीराज के द्वारा जैसे ही एक घण्टे के ऊपर बाण चलाया गया तो गौरी के मुँह से अकस्मात ही "वाह! वाह!!" शब्द निकल पड़ा। बस फिर क्या था चंदबरदायी ने तत्काल एक दोहे में पृथ्वीराज को यह बता दिया कि गौरी कहाँ पर एवं कितनी ऊँचाई पर बैठा हुआ है।

वह दोहा कुछ इस प्रकार था-


चार बाँस चौबीस गज, अंगुल अष्ट प्रमान।ता ऊपर सुल्तान है, मत चूके चौहान।।


इस प्रकार चंद बरदाई की सहायता से पृथ्वीराज के द्वारा गौरी का वध कर दिया गया।

जानिए कितनी हो गई है भारत की आबादी

   

वर्ष २०११ की जनगणना १८७२ के बाद देश की १५वीं जनगणना और स्वतंत्र भारत की ७वीं जनगणना है। २०११ की जनगणना के अनुसार हमारी कुल आबादी १,२१,०१,९३,४२२ है।

भारत में पहली जनगणना लार्ड मेयो के कार्यकाल में की गई थी। अनुच्छेद 246 के अनुसार जनसंख्या की जनगणना भारत में केंद्रीय विषय है लेकिन राज्य सरकारें जनगणना प्रक्रिया के संचालन में प्रशासनिक सहायता प्रदान करती हैं।

जनगणना प्रक्रिया को क्रियान्वित करने की दिशा में पहला कदम एक खास समय सीमा में देश के सभी भौगोलिक संस्थाओं, जिसमें राज्य, जिले, तहसील या तालुका या सामुदायिक विकास ब्लॉक और गांव या शहर शामिल हैं, की सूची तैयार करना है।

२०११ की जनगणना का शीर्ष वाक्य "हमारी जनगणना हमारा भविष्य" एवं शुभांकर "प्रगाणक शिक्षिका "था।

Friday, 27 January 2017

कुछ ऐसी इन्टरनेट साइट्स जो आप को करेगी रोमांचित

                                                 
इंटरनेट पर बहुतसी वेब साइट्स है जो आप को रोमांचित कर देगी जिन के बारे मै आप शायद नहीं जानते होंगे।हम कुछ ऐसी ही साइट्स के बारे मै आप को बताने जा रहे है जेनेह देख कर आप हैरान हो जायगे।

→ Fireeye Cyber Threat Map

आप जानते ही होंगे कंप्यूटर हैकर पूरी दुनिया मैं किसिना किसी के कंप्यूटर को हैक करते ही रहते है ये वेब साइट आप को बताती है जो हैकिंग अटैक एकदेश से दूसरै देश पर हो रहे है।

https://www.fireeye.com/cyber-map/threat-map.html
                   
→ Nukemap

आप इस वेब साइट पर किसीभी देश पर न्युक्लेअर बम मार कर उससे होने वाली तबाही का अंदाज़ा लगा सकते है।

http://nuclearsecrecy.com/nukemap/

→ PointerPointer

इस  वेब साइट पर दोस्तों आप अपना  माउस कही भी लेकर जाये फोटो मैं दिख रहे लोग आप के माउस के पॉइंट की तरफ इसरा करते हुए दिखेगे।

http://pointerpointer.com/

→ Faces of Facebook

इस वेब साइट पर आप फेस बुक यूजर की फोटो देख सकते है साथ ही साथ आप ये भी देख सकते है की कितने यूजर फेसबुक पर जुड़े रहे है।

http://app.thefacesoffacebook.com/

→ Essay Typer

इस वेब साइट पर आप कुछ भी डालेगे तोह एक वर्ड जैसी फाइल खुल जाएगी फिर आप कीबोर्ड पर कुछ भी टाइप करेगे तो उस टॉपिक के बारे मै लिख कर आने लगेगा।

http://www.essaytyper.com/
 

   

      

कुण्डलिनी जागरण के लक्षण व लाभ


संयम और सम्यक नियमों का पालन करते हुए लगातार ध्यान करने से धीरे धीरे कुंडलिनी जाग्रत होने लगती है और जब यह जाग्रत हो जाती है तो व्यक्ति पहले जैसा नहीं रह जाता। वह दिव्य पुरुष बन जाता है।

ऐसे वियक्ति  के पास बैठने से दूसरे विकारी वियक्ति के विकार शांत होने लगते है कुडलिनी शक्ति जिस की जाग्रत हो जाती है उसके मुख पर एक दिव्य आभा आ जाती है मुख पर समता और प्रसन्ता का भाव होता है संछेप मैं कहे तो ऐसी योगिक क्रिया करने वाले वियक्ति को जीवन मे कोई रोग नहीं होता है।

 हमारे शरीर में सात चक्र होते हैं। कुंडलिनी का एक छोर मूलाधार चक्र पर है और दूसरा छोर रीढ़ की हड्डी के चारों तरफ लिपटा हुआ जब ऊपर की ओर गति करता  है तो उसका उद्देश्य सातवें चक्र सहस्रार तक पहुंचना होता, लेकिन यदि व्यक्ति संयम और ध्यान छोड़ देता है तो यह छोर गति करता हुआ किसी भी चक्र पर रुक सकता है।

जब डर गया था अकबर हिमाचल की देवी से

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा से 30 किलो मीटर दूर ज्वालामुखी देवी मंदिर की गिनती माता के प्रमुख शक्तिपीठों में होती है। यह मंदिर माता के अन्य मंदिरों की तुलना में अनोखा है क्योंकि यहां पर किसी मूर्ति की पूजा नहीं, बल्कि पृथ्वी के गर्भ से निकल रही नौ ज्वालाओं की पूजा होती है। यहां ऐसी कहानी भी प्रचलित है कि बादशाह अकबर ने इन ज्वालाओं को बुझाने की कोशिश भी की लेकिन नाकाम रहा।

- ज्वालामुखी मंदिर को जोता वाली का मंदिर और नगरकोट भी कहा जाता है। ज्वालामुखी मंदिर को खोजने का श्रेय पांडवो को जाता है।

- यहां पर पृथ्वी के गर्भ से नौ अलग अलग जगह से ज्वाला निकल रही है जिसके ऊपर ही मंदिर बना दिया गया हैं।

- इन नौ ज्योतियां को महाकाली, अन्नपूर्णा, चंडी, हिंगलाज, विंध्यावासनी, महालक्ष्मी, सरस्वती, अम्बिका, अंजीदेवी के नाम से जाना जाता है।
किसने बनवाए थे यहां मंदिर...

- मान्यता है कि यहां देवी सती की जीभ गिरी थी। इस मंदिर का सबसे पहले निर्माण राजा भूमि चंद के करवाया था। बाद में महाराजा रणजीत सिंह और राजा संसारचंद ने 1835 में इस मंदिर का पूर्ण कराया।

घोड़े का सिर काटकर अकबर ने लिया था इम्तिहान

- इस जगह के बारे में एक कथा अकबर और ज्वाला माता के भक्त ध्यानु भगत से जुड़ी है। ऐसा बताया जाता है कि एक बार ध्यानु एक हजार यात्रियों के साथ माता के दर्शन के लिए जा रहा था।

- इतना बड़ा दल देखकर बादशाह के सिपाहियों ने चांदनी चौक दिल्ली में उन्हें रोक लिया और अकबर के दरबार में पेश किया। अकबर के पूछने पर ध्यानु ने ज्वाला माता के बारे में बताया।

- इसके बाद अकबर ने ध्यानु की भक्ति और ज्वाला माता की शक्ति देखने के लिए एक घोड़े की गर्दन काट दी और देवी से कहकर उसे दोबारा जिन्दा करने कहा।

- इसके बाद ध्यानु ने बादशाह से एक माह की अवधि तक घोड़े के सिर व धड़ को सुरक्षित रखने की प्रार्थना की। अकबर ने बात मान ली और उसे यात्रा करने की अनुमति भी मिल गई।

- इसके बाद ध्यानु अपने साथियों के साथ माता के दरबार पहुंचा और घोड़े को फिर से ज़िंदा करने की प्रार्थना की। माता ने ध्यानु की सुन ली और घोड़े को जिंदा कर दिया।

हैरान अकबर ने की ज्वाला बुझाने की कोशिश

यह सब कुछ देखकर बादशाह अकबर हैरान हो गया। उसने अपनी सेना बुलाई और खुद मंदिर की तरफ चल पड़ा। वहां पहुंचकर कर फिर उसके मन में शंका हुई। उसने अपनी सेना से मंदिर पूरे मंदिर में पानी डलवाया, लेकिन माता की ज्वाला बुझी नहीं। तब जाकर उसे मां की महिमा का यकीन हुआ और उसने सवा मन (पचास किलो) सोने का छतर चढ़ाया।

दुनिया के 8 शक्तिशाली देशों में छठवीं महाशक्ति है भारत, अमेरिका शीर्ष स्थान पर

वाशिंगटन : अमेरिकी विदेश नीति से जुड़ी एक पत्रिका ने 2017 में दुनिया के आठ शक्तिशाली देशों की सूची जारी की है। पत्रिका ने इस सूची में भारत को छठवां स्थान दिया है। पत्रिका का कहना है कि दूनिया के शक्तिशाली देशों की कतार में अब तक भारत की अनदेखी होती आयी है। पत्रिका ने पीएम मोदी की भी प्रशंसा की है।

सूची में पहले स्थान पर अमेरिका है जबकि चीन और जापान को संयुक्त तौर पर दूसरा स्थान मिला है। रूस चौथे और जर्मनी (पांचवें) भारत से आगे हैं। ईरान को सातवें जबकि इजरायल को आठवें पायदान पर रखा गया है।

पत्रिका 'द अमेरिकन इंटेरेस्ट' ने अपनी इस रिपोर्ट में कहा है कि भारत दुनिया में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है इसके बावजूद महाशक्तियों की सूची से भारत को बाहर रखा जाता रहा है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है और यहां अंग्रेजी बोलने वालों की संख्या विश्व में दूसरे नंबर पर है। भारत की अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है।

पत्रिका के मुताबिक भू-राजनीतिक स्थितियों के चलते दुनिया के कई देश अपने द्विपक्षीय संबंध भारत के साथ बढ़ा रहे हैं। अमेरिका, चीन और जापान अपनी एशियाई नीति एवं सुरक्षा को देखते हुए भारत के साथ अपने सहयोग को मजबूती दी है जबकि यूरोपीय संघ और रूस ने भारत के साथ आकर्षक व्यापार समझौते और रक्षा करार किए हैं।

पत्रिका ने साथ ही कहा है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आर्थिक सुधारों के आधुनिकीकरण के साथ अपनी क्षमता के उपयोग के जरिये भारत ने चतुराई से इन प्रतिद्वंद्वी शक्तियों से अलग अपनी राह बना ली है। अमेरिकी पत्रिका के मुताबिक, नोटबंदी के बाद उत्पन्न आंतरिक समस्याओं और पाकिस्तान के भय के बावजूद भारत ने 2016 में अपने आधार को मजबूती दी।

रिपोर्ट के मुताबिक, 'मोदी ने अमेरिका और जापान के साथ नए नौसैनिक सहयोग कायम करने में सफलता हासिल की है और उन्होंने भारतीय सेना को आधुनिक बनाने के लिए रूस, फ्रांस तथा इजरायल के साथ भी कई रक्षा समझौतों पर दस्तखत किए हैं।'